Mr. Shaayar
sher, shayaries, poems, etc..
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उम्र ज़ाया कर दी लोगों ने
औरों के वजूद में नुक़्स निकालते
निकालते।
इतना ही खुद को तराशा होता
तो फ़रिश्ते बन जाते।
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Judaai
"हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ.. हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ.. सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें.. अब खुद पे बीती तो...
(no title)
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