Mr. Shaayar
sher, shayaries, poems, etc..
उम्र ज़ाया कर दी लोगों ने
औरों के वजूद में नुक़्स निकालते
निकालते।
इतना ही खुद को तराशा होता
तो फ़रिश्ते बन जाते।
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(no title)
"अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी,सुख-दुःख का एहसास हैं जिंदगी,फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो,आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी "
Judaai
"हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ.. हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ.. सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें.. अब खुद पे बीती तो...
(no title)
कुछ सपनों को पूरा करने निकले थे घर से, किसको पता था कि घर जाना ही एक सपना बन जायेगा....
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