होश का पानी छिड़को
मदहोशी की आँखों पर। 

अपनों से कभी ना उलझो
गैरों की बातों पर।
मोहब्बत का राज बताया नहीं जाता

निगाहें समझ लेती हैं समझाया नहीं जाता॥
ना जाने क्यूँ अधूरी सी लगती है ज़िन्दगी मेरी

लगता है जैसे खुद को किसी के पास भूल आया हूँ
रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए...

पर सच के लिए आखें मिलानी पड़ेंगी...
उसने कहा लाखो मिलेंगे तुम जैसे 
मेने भी पूछ लिया 
मुझ जैसा ही क्यु चाहिए तुम्हे।
सूफियाना इश्क़ की हसरत लिए तेरे दर पे आये हम ...!

सूरत ए गुलाब में सनम अपना दिल लेकर आये हैं हम ...!!
सिर्फ़ धो​खा ही शुद्ध मिलता है
इस ज़माने में...
बाक़ी तो सब में मिलावट है।